नई दिल्ली, 26 दिसंबर || एक स्टडी के अनुसार, एक नया डेवलप किया गया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल लाइपोसक्शन जैसी हाई-वॉल्यूम कॉस्मेटिक सर्जरी कराने वाले मरीजों में खून की कमी का अनुमान लगाने में बहुत सटीक है।
हालांकि हर साल 2.3 मिलियन से ज़्यादा मरीजों में चेहरे, पेट, जांघों, बांहों या गर्दन से जिद्दी चर्बी हटाने के लिए किया जाने वाला लाइपोसक्शन आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन ज़्यादा खून बहना एक संभावित गंभीर जटिलता है, खासकर जब ज़्यादा मात्रा में चर्बी हटाई जाती है।
प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी जर्नल में छपी स्टडी में लाइपोसक्शन में खून की कमी का अनुमान लगाने के लिए AI मॉडल के डेवलपमेंट को एक "क्रांतिकारी प्रगति" बताया गया है, जिसमें मरीज की सुरक्षा और सर्जिकल नतीजों को बेहतर बनाने की क्षमता है।
इक्वाडोर के स्वास्थ्य मंत्रालय के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट और अमेरिका के मेयो क्लिनिक सहित अंतरराष्ट्रीय रिसर्च टीम ने कहा, "AI-संचालित प्रेडिक्टिव मॉडल की शक्ति का इस्तेमाल करके, सर्जन हर मरीज की खास ज़रूरतों के हिसाब से अपने इलाज को तैयार कर सकते हैं, जिससे बेहतर नतीजे सुनिश्चित होते हैं और ज़्यादा खून बहने जैसी जटिलताओं का खतरा कम होता है।"