नई दिल्ली, 22 दिसंबर || इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक इंटरनेशनल टीम ने एक अत्याधुनिक नैनोइंजेक्शन ड्रग डिलीवरी प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर के इलाज को सुरक्षित और ज़्यादा असरदार बनाने की क्षमता है।
ब्रेस्ट कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में मौत के प्रमुख कारणों में से एक बना हुआ है।
कीमोथेरेपी और रेडिएशन जैसे पारंपरिक इलाज, अक्सर सिस्टम में दवा के फैलने के कारण कैंसर रहित टिशूज़ को नुकसान पहुंचाते हैं।
नया नैनोइंजेक्शन सिस्टम एंटी-कैंसर दवा डॉक्सोरूबिसिन को सीधे कैंसर कोशिकाओं में पहुंचाता है, जिसके लिए सिलिकॉन वेफर पर उकेरे गए वर्टिकली अलाइन SiNTs में लोड किए गए थर्मली स्टेबल नैनोआर्कियोसोम (NAs) का इस्तेमाल किया जाता है।
टीम, जिसमें ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी और डीकिन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता भी शामिल हैं, ने कहा कि यह तरीका नैनोआर्कियोसोम-आधारित ड्रग एनकैप्सुलेशन को सिलिकॉन नैनोट्यूब (SiNT)-आधारित इंट्रासेलुलर डिलीवरी के साथ मिलाकर एक सटीक और लगातार थेराप्यूटिक सिस्टम बनाता है जो स्वस्थ कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को कम करता है।