नई दिल्ली, 23 दिसंबर || अमेरिकी शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए निपाह वायरस वैक्सीन के फेज 1 रैंडमाइज्ड क्लिनिकल ट्रायल से जल्द ही इस जानलेवा इन्फेक्शन को रोकने का रास्ता खुल सकता है।
द लैंसेट जर्नल में पब्लिश स्टडी के शोधकर्ताओं के अनुसार, HeV-sG-V नाम के वैक्सीन की तीनों डोज और रेजिमेन सुरक्षित पाए गए और उन्होंने इम्यून रिस्पॉन्स पैदा किया।
सिनसिनाटी चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल मेडिकल सेंटर (CCHMC) की टीम ने कहा, "वैक्सीनेशन के 1 महीने के अंदर एंटीबॉडी बनने और दो डोज से मिलने वाली सुरक्षा से पता चलता है कि यह वैक्सीन कैंडिडेट रिएक्टिव आउटब्रेक कंट्रोल और बचाव के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।"
पहली बार 1999 में मलेशिया में खोजा गया, निपाह वायरस (NiV) हर साल दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया, खासकर भारत में फैलता है, जिससे 40-75 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने निपाह वायरस को एक हाई-प्रायोरिटी पैथोजन के रूप में लिस्ट किया है क्योंकि यह इन्फेक्टेड लोगों में से 82 प्रतिशत तक को मार देता है, और इसे रोकने के लिए कोई अप्रूव्ड इलाज या वैक्सीन नहीं है।