नई दिल्ली, 20 दिसंबर || इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक नई स्टडी में भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खास रिस्क फैक्टर्स का पता चला है।
ब्रेस्ट कैंसर भारत में महिलाओं में होने वाले टॉप तीन कैंसर में से एक है। देश में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में सालाना लगभग 5.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जिसका मतलब है कि हर साल लगभग 0.05 मिलियन नए मामले बढ़ेंगे।
ICMR के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च (NCDIR), बेंगलुरु की टीम ने 31 स्टडीज़ पर एक सिस्टमैटिक रिव्यू और मेटा-एनालिसिस किया, जिसमें कुल 27,925 लोग शामिल थे, जिनमें से 45 प्रतिशत को ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था।
कैंसर एपिडेमियोलॉजी जर्नल में पब्लिश हुई फाइंडिंग्स से पता चला है कि "रिप्रोडक्टिव टाइमिंग, हार्मोनल एक्सपोज़र, सेंट्रल ओबेसिटी और फैमिली हिस्ट्री मुख्य रूप से भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क को प्रभावित करते हैं"।
रिसर्चर्स ने पेपर में कहा, "जिन महिलाओं में मेनोपॉज देर से होता है (50 साल से ज़्यादा), 30 साल की उम्र के बाद पहली प्रेग्नेंसी, शादी की ज़्यादा उम्र, कई बार अबॉर्शन और सेंट्रल ओबेसिटी (कमर-से-हिप का अनुपात 85 cm से ज़्यादा) होती है, उन्हें काफी रिस्क होता है।"