रायपुर, 23 दिसंबर || हाई-प्रोफाइल छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में एक बड़े घटनाक्रम में, प्रवर्तन निदेशालय (ED), रायपुर जोनल ऑफिस ने एक रिटायर्ड IAS अधिकारी, निरंजन दास को गिरफ्तार किया है।
उन पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत आरोप लगाए गए हैं। 19 दिसंबर को गिरफ्तारी के बाद, दास को रायपुर की स्पेशल कोर्ट (PMLA) में पेश किया गया, जिसने उन्हें मंगलवार (22 दिसंबर) तक तीन दिनों के लिए ED की हिरासत में भेज दिया। ED की जांच छत्तीसगढ़ एंटी-करप्शन ब्यूरो/इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ACB/EOW) द्वारा भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई FIR से शुरू हुई।
जांच में एक सुनियोजित सिंडिकेट का पता चला है जो पिछली कांग्रेस सरकार (2019-2022) के दौरान काम कर रहा था, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।
अनुमान है कि इस घोटाले से अपराध की कमाई (POC) 2,500 करोड़ रुपये से ज़्यादा हुई है, कुछ आकलन के अनुसार यह आंकड़ा अवैध कमीशन, शराब नीतियों में हेरफेर और बिना हिसाब वाली शराब की अनियंत्रित बिक्री के ज़रिए 3,000-3,500 करोड़ रुपये के बीच है।
ED के अनुसार, निरंजन दास को व्यक्तिगत रूप से लगभग 18 करोड़ रुपये अवैध फंड मिले।