नई दिल्ली, 22 दिसंबर || आयुष मंत्रालय के तहत मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा (MDNIY) के एक्सपर्ट्स ने कहा कि मेडिटेशन एक साइंटिफिक टूल है जो तनाव को मैनेज करने और दिमाग के इमोशनल रिस्पॉन्स को रेगुलेट करने में मदद कर सकता है।
रविवार को वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाते हुए, एक्सपर्ट्स ने आज की कॉम्पिटिटिव दुनिया में मेडिटेशन की क्लिनिकल अहमियत पर ज़ोर दिया।
MDNIY के डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) काशीनाथ समागंडी ने कहा, "लगभग 60-70 प्रतिशत तनाव काम से जुड़ा होता है और उन्होंने पतंजलि योगसूत्र में बताई गई तकनीकों से शरीर और मन को एक साथ लाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।"
हाल की रिसर्च का ज़िक्र करते हुए, उन्होंने बताया कि न्यूरोइमेजिंग स्टडीज़ से पता चलता है कि ओम का जाप करने से एमिग्डाला (डर और नेगेटिव भावनाओं का दिमाग का केंद्र) में एक्टिविटी कम हो जाती है, क्योंकि यह प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स को एक्टिव करता है, जो इमोशनल रिस्पॉन्स को रेगुलेट करता है।
एक fMRI स्टडी में आराम की स्थिति की तुलना में ज़ोर से ओम का जाप करने के दौरान एमिग्डाला में काफी कमी देखी गई है।