नई दिल्ली, 30 दिसंबर || भारतीय शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुई एक स्टडी के अनुसार, दवा प्रतिरोधी फंगल प्रजाति कैंडिडा ऑरिस ज़्यादा जानलेवा होती जा रही है और दुनिया भर में फैल रही है।
कैंडिडा ऑरिस एक मल्टीड्रग-प्रतिरोधी फंगल पैथोजन है जिसमें इंसानी त्वचा पर बढ़ने और बने रहने की अनोखी क्षमता होती है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की टीम के साथ मिलकर एक स्टडी की, जिसमें पता चला कि इनवेसिव फंगल इन्फेक्शन दुनिया भर में फैल रहे हैं और ज़्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं, जिससे हर साल लगभग 6.5 मिलियन लोग प्रभावित हो रहे हैं।
ये इन्फेक्शन अक्सर ज़्यादा मृत्यु दर से जुड़े होते हैं, जो एंटीफंगल थेरेपी के बाद भी 50 प्रतिशत से ज़्यादा हो सकती है।
माइक्रोबायोलॉजी एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी रिव्यूज़ जर्नल में पब्लिश पेपर में टीम ने कहा, "सी. ऑरिस ने जीवित रहने के लिए चालाक सेलुलर रणनीतियाँ विकसित की हैं, जिसमें मॉर्फोजेनेसिस भी शामिल है, जिसमें यीस्ट ग्रोथ से फिलामेंट-संचालित प्रसार में बदलने की क्षमता, साथ ही मल्टीसेल्यूलर एग्रीगेट बनाना, और अपने बदलते माहौल के जवाब में अपने फेनोटाइपिक जेनेटिक एक्सप्रेशन को बदलना शामिल है।"