नई दिल्ली, 30 दिसंबर || मसूड़ों की गंभीर बीमारी -- पेरियोडोंटाइटिस -- मल्टीपल स्क्लेरोसिस (MS) से पीड़ित लोगों में विकलांगता को बढ़ा सकती है, जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम की एक पुरानी ऑटोइम्यून बीमारी है।
पिछली स्टडीज़ में दिखाया गया है कि पेरियोडोंटाइटिस पुरानी सूजन के ज़रिए सेंट्रल नर्वस सिस्टम के विकारों में योगदान दे सकता है। हालांकि, मल्टीपल स्क्लेरोसिस में इसकी भूमिका अभी तक साफ नहीं थी।
साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में पब्लिश नई रिसर्च में पाया गया कि फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम -- मुंह में पाए जाने वाले एक बैक्टीरिया -- का ज़्यादा लेवल मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीज़ों में गंभीर विकलांगता की संभावना को लगभग दस गुना बढ़ा देता है।
हिरोशिमा यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के एसोसिएट प्रोफेसर और लेक्चरर मासाहिरो नाकामोरी ने कहा, "हालांकि मल्टीपल स्क्लेरोसिस में गट माइक्रोबायोम पर बड़े पैमाने पर रिसर्च की गई है, लेकिन ओरल माइक्रोबायोम की संभावित भूमिका पर ज़्यादा रिसर्च नहीं हुई है। क्योंकि मुंह पुरानी सूजन का एक बड़ा सोर्स है और यह एक संभावित रूप से बदलने वाला फैक्टर है, इसलिए बीमारी के तरीकों को समझने और नई रोकथाम की रणनीतियों को विकसित करने के लिए मल्टीपल स्क्लेरोसिस की गंभीरता के साथ इसके संबंध को साफ करना महत्वपूर्ण है।"