मुंबई, 30 दिसंबर || लगातार IPO लॉन्च और रिकॉर्ड-ब्रेकिंग फंडरेज़िंग से भरे साल के बाद, भारत का प्राइमरी मार्केट अब रियलिटी चेक के संकेत दिखा रहा है।
हालांकि 2025 इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग के लिए सबसे एक्टिव सालों में से एक के रूप में याद किया जाएगा, लेकिन कई नए लिस्टेड शेयरों का परफॉर्मेंस लिस्टिंग के दिन दिखी एक्साइटमेंट के हिसाब से नहीं रहा है।
डेटा से पता चलता है कि इस साल पब्लिक हुई लगभग आधी कंपनियां अब अपने इश्यू प्राइस से नीचे ट्रेड कर रही हैं।
लिस्टिंग के दिन के मजबूत फायदे और कमजोर लॉन्ग-टर्म परफॉर्मेंस के बीच इस बड़े अंतर ने IPO वैल्यूएशन और इन्वेस्टर की उम्मीदों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
पिछले 12 महीनों में, 344 कंपनियों ने शेयर बाजार में एंट्री की और साथ मिलकर 1.75 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा जुटाए।
2025 में एक्सचेंजों पर डेब्यू करने वाली 103 कंपनियों में से, ज़्यादातर 69 शेयरों की लिस्टिंग उनके IPO प्राइस से ऊपर हुई, जबकि 33 अपने इश्यू लेवल से नीचे खुले।