नई दिल्ली, 29 दिसंबर || सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में चांदी के बाज़ार में एक बड़ा स्ट्रक्चरल बदलाव हुआ, जिसका कारण लंबे समय तक फिजिकल सप्लाई में कमी, इन्वेंट्री में कमी और पॉलिसी की वजह से सप्लाई पर लगी पाबंदियां थीं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि घरेलू बाज़ार में चांदी की कीमत 2,46,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाएगी।
ब्रोकरेज फर्म "किस्तों में निवेश की रणनीति के साथ गिरावट पर खरीदारी का तरीका बनाए हुए है।"
रिपोर्ट में कहा गया है, "हालांकि COMEX पर $75 का शुरुआती लक्ष्य हासिल कर लिया गया है, लेकिन फर्म COMEX पर $77 के अपने लक्ष्य को दोहराती है, जो घरेलू बाज़ार में 2,46,000 रुपये के बराबर है, और आगे के बदलाव बाज़ार की बदलती स्थितियों पर निर्भर करेंगे।"
यह रैली सिर्फ सट्टेबाजी वाली नहीं थी, बल्कि यह "पेपर प्राइसिंग सिस्टम और फिजिकल उपलब्धता के बीच गहरे तनाव" को दिखाती है, जिसमें बढ़ती फिजिकल कमी और एक्सचेंज इन्वेंट्री में गिरावट इस बात को मज़बूत करती है कि यह रैली साइक्लिकल के बजाय स्ट्रक्चरल है।