चेन्नई, 25 दिसंबर || भारत के चुनाव आयोग ने तमिलनाडु में करीब 10 लाख वोटर्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, जिन्होंने हाल ही में हुए चुनावी रोल के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान सही या पूरी जानकारी नहीं दी।
नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण और अतिरिक्त दस्तावेज़ मांगे गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योग्य वोटर्स को अंतिम वोटर लिस्ट से बाहर न किया जाए। तमिलनाडु में SIR प्रक्रिया 4 नवंबर को शुरू हुई और 14 दिसंबर को खत्म हुई।
इस प्रक्रिया के तहत, चुनाव आयोग ने वोटर डेटा का व्यापक वेरिफिकेशन किया ताकि मौत, डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन, लापता वोटर्स और जो लोग स्थायी रूप से दूसरी जगह चले गए हैं, ऐसे मामलों की पहचान की जा सके।
इस वेरिफिकेशन के आधार पर, पूरे राज्य में ड्राफ्ट चुनावी रोल से लगभग 97 लाख नाम हटा दिए गए।
रिवीजन के दौरान, वोटर्स को खास डिटेल्स के साथ SIR फॉर्म भरने थे। एक मुख्य शर्त यह थी कि अगर कोई वोटर या उनके रिश्तेदार 2002 या 2005 में चुनावी रोल में शामिल थे, तो ऐसे रिश्तेदारों के नाम फॉर्म में साफ तौर पर बताए जाने थे। हालांकि, लगभग 10 लाख मामलों में, वोटर्स या तो ज़रूरी डिटेल्स देने में नाकाम रहे या उन्होंने फॉर्म गलत भरे।