मुंबई, 24 दिसंबर || एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत के अल्ट्रा-हाई नेट वर्थ वाले लोग (UHNIs), जिनकी कुल नेट वर्थ 2 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा है, ग्रोथ एसेट्स में निवेश करना पसंद करते हैं, खासकर टियर 1 और टियर 2 शहरों में, जहाँ 54 प्रतिशत लोग अपने पोर्टफोलियो का 80 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा ग्रोथ कैपिटल में लगाते हैं, जबकि मेट्रो शहरों में यह आंकड़ा 23 प्रतिशत है।
नुवामा ग्रुप के UHNI बिज़नेस, नुवामा प्राइवेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी पीढ़ी के UHNIs में ग्रोथ की उम्मीदें ज़्यादा हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत लोग पोर्टफोलियो पर 16 प्रतिशत से ज़्यादा रिटर्न का लक्ष्य रखते हैं, जबकि पहली पीढ़ी में यह आंकड़ा 33 प्रतिशत है।
रिपोर्ट के पहले एडिशन, जिसका टाइटल 'द एक्सेप्शनल्स' है, के नतीजों से पता चला है कि पीढ़ियों के बीच संपत्ति का ट्रांसफर अभी भी जारी है, क्योंकि सिर्फ़ 31 प्रतिशत UHNIs के पास ज़रूरी फ्रेमवर्क हैं, और सिर्फ़ 21 प्रतिशत के पास फॉर्मल ट्रस्ट हैं।
भारत की वेल्थ स्टोरी लगातार बदल रही है, जो संपत्ति को बचाने से हटकर मकसद-आधारित निवेश की ओर बढ़ रही है।