नई दिल्ली, 24 दिसंबर || एक रिपोर्ट में बुधवार को 2026 में अवसरों के बारे में बताते हुए कहा गया है कि हालांकि कुल मार्केट कैपिटलाइज़ेशन का 63 प्रतिशत ओवरवैल्यूड लग रहा है, फिर भी भारतीय बाज़ार के "अंदर" एक्टिव निवेशकों के लिए अच्छे अवसर मौजूद हैं।
ओमनीसाइंस कैपिटल की रिपोर्ट में कहा गया है कि 100 में से 36 लार्ज कैप और 150 में से 46 मिड-कैप अंडरवैल्यूड या फेयरली वैल्यूड हैं, जबकि निफ्टी 500 का वैल्यूएशन 11 प्रतिशत ग्रोथ के मुकाबले 24 गुना से ज़्यादा प्राइस-टू-अर्निंग पर ऊंचा दिख रहा है।
फर्म ने निफ्टी 500 के 66 प्रतिशत घटकों के ओवरवैल्यूड होने के अपने विश्लेषण का हवाला दिया, लेकिन वैल्यूएशन का दबाव स्मॉल-कैप में केंद्रित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मॉल कैप में, 150 में से 89 कंपनियां इसी तरह अंडरवैल्यूड या फेयरली वैल्यूड हैं। इसमें कहा गया है कि 1,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा मार्केट कैपिटलाइज़ेशन वाली फर्मों में, लगभग 63 प्रतिशत या 246 कंपनियां अंडरवैल्यूड या फेयरली वैल्यूड दिखती हैं।
सेक्टोरल विश्लेषण से पता चला कि फाइनेंस, यूटिलिटीज और इंडस्ट्रियल्स बड़े पैमाने पर फेयरली वैल्यूड या अंडरवैल्यूड हैं, जिनमें उन सेक्टरों में क्रमशः लगभग 70, 18 और 83 कंपनियां हैं।