मुंबई, 18 दिसंबर || गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई-सितंबर की अवधि में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शन की संख्या में 33.5 प्रतिशत (साल-दर-साल) की बढ़ोतरी हुई और यह 59.33 बिलियन ट्रांजैक्शन तक पहुंच गया, जबकि ट्रांजैक्शन वैल्यू 21 प्रतिशत बढ़कर 74.84 लाख करोड़ रुपये हो गई।
वर्ल्डलाइन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 709 मिलियन एक्टिव UPI QR कोड हो गए हैं, जो जुलाई 2024 से 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। किराना स्टोर, फार्मेसियों, ट्रांसपोर्ट हब और ग्रामीण बाजारों में QR कोड की व्यापक स्वीकार्यता ने स्कैन-एंड-पे को देश भर में डिफ़ॉल्ट पेमेंट मोड बना दिया है।
पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजैक्शन से आगे रहे, जो रोज़मर्रा के रिटेल पेमेंट में UPI के दबदबे को दिखाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि P2M ट्रांजैक्शन में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 37.46 बिलियन ट्रांजैक्शन तक पहुंच गया, जबकि P2P ट्रांजैक्शन में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 21.65 बिलियन ट्रांजैक्शन तक पहुंच गया।
तीसरी तिमाही (Q3 2025) ने दुनिया की सबसे डायनामिक रियल-टाइम पेमेंट अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की स्थिति को और मजबूत किया — जहां हर स्कैन, टैप और क्लिक कंज्यूमर और मर्चेंट के व्यवहार को नया आकार दे रहा है।