नई दिल्ली, 22 दिसंबर || एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कैपिटल मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर, जिसमें ब्रोकर्स, स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉजिटरी और रजिस्ट्री और ट्रांसफर एजेंट (RTAs) शामिल हैं, ने FY25 में 700 बिलियन रुपये से ज़्यादा का रेवेन्यू जेनरेट किया।
ग्लोबल ब्रोकरेज जेफरीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि रेवेन्यू में यह बढ़ोतरी मार्केट वॉल्यूम में वृद्धि और निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के कारण हुई। इसमें यह भी कहा गया है कि इस सेक्टर का भविष्य कुछ खास सेगमेंट में तेज़ी से ग्रोथ, आस-पास के बिज़नेस में डाइवर्सिफिकेशन और रेगुलेटरी बदलावों के प्रति लचीलेपन से तय होगा।
ब्रोकरेज का अनुमान है कि म्यूचुअल फंड एसेट्स अंडर मैनेजमेंट FY26-FY28 के दौरान 16 प्रतिशत की कंपाउंड सालाना दर से बढ़ेंगे, जिसमें म्यूचुअल फंड AUM FY25 में 67 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर FY28 तक 103 ट्रिलियन रुपये हो जाएगा।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि कैश मार्केट का औसत दैनिक टर्नओवर (ADTO) 15 प्रतिशत बढ़ेगा और F&O प्रीमियम ADTO 12 प्रतिशत बढ़ेगा, जो हाल के रेगुलेटरी बदलावों के बाद डेरिवेटिव्स गतिविधि में कमी को दर्शाता है।
ब्रोकरेज को उम्मीद है कि डीमैट खातों की संख्या FY25 में 192 मिलियन से बढ़कर FY28 तक 304 मिलियन हो जाएगी, और म्यूचुअल फंड फोलियो 235 मिलियन से बढ़कर 377 मिलियन हो जाएंगे।