नई दिल्ली, 18 दिसंबर || जबकि चीज़ - जिसमें सैचुरेटेड फैट और सोडियम ज़्यादा होता है - हाई कोलेस्ट्रॉल या ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ाने के लिए जाना जाता है, एक नई स्टडी ने इसे डिमेंशिया होने के कम खतरे से जोड़ा है।
न्यूरोलॉजी जर्नल में पब्लिश हुई स्टडी में दिखाया गया है कि कुछ ज़्यादा फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स, जैसे चेडर, ब्री और गौडा, साथ ही व्हिपिंग क्रीम, डबल क्रीम और क्लॉटेड क्रीम, असल में डिमेंशिया का खतरा कम कर सकते हैं। ये नतीजे फैट और दिमाग की सेहत के बारे में कुछ पुरानी मान्यताओं को चुनौती देते हैं।
हालांकि, स्वीडन की लुंड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने साफ किया कि "यह स्टडी यह साबित नहीं करती कि ज़्यादा फैट वाला चीज़ और ज़्यादा फैट वाली क्रीम खाने से डिमेंशिया का खतरा कम होता है, यह सिर्फ एक संबंध दिखाती है"।
रिसर्चर्स ने स्वीडन में 27,670 लोगों के डेटा का एनालिसिस किया, जिनकी स्टडी की शुरुआत में औसत उम्र 58 साल थी। उन पर औसतन 25 सालों तक नज़र रखी गई। स्टडी के दौरान, 3,208 लोगों को डिमेंशिया हुआ।
नतीजों से पता चला कि जो लोग ज़्यादा फैट वाला चीज़ खाते थे, उनमें डिमेंशिया होने का खतरा उन लोगों की तुलना में 13 प्रतिशत कम था जो कम खाते थे। जब डिमेंशिया के खास प्रकारों को देखा गया, तो उन्होंने पाया कि जो लोग ज़्यादा फैट वाला चीज़ खाते थे, उनमें वैस्कुलर डिमेंशिया का खतरा 29 प्रतिशत कम था।