चंडीगढ़ 5 दिसंबर 2025
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जी की सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह राज्य के मेहनती किसानों के साथ मज़बूती से खड़ी है। इस साल, जब बाज़ार में कपास (नरमा और देसी) की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे गिर रही थीं, तब मान सरकार ने तुरंत हस्तक्षेप किया और किसानों को भारी नुकसान से बचाया।
शुरुआत में, जब कपास मंडियों में आना शुरू हुआ, तो निजी व्यापारी इसे ₹5,700 से ₹6,800 प्रति क्विंटल के बीच खरीद रहे थे। यह दाम MSP से काफी कम थे, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई थी। इस मुश्किल घड़ी में, मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर, राज्य सरकार ने तुरंत केंद्र सरकार की एजेंसी कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) पर बड़े पैमाने पर खरीद शुरू करने के लिए दबाव डाला।
CCI की सक्रिय भागीदारी के कारण, कपास की कीमतों में ज़बरदस्त सुधार हुआ। आज, पंजाब मंडी बोर्ड के आंकड़ों से यह पुष्टि होती है कि नरमा कपास का औसत दाम ₹7,500 प्रति क्विंटल से भी ज़्यादा हो गया है, जो कि ₹7,710 प्रति क्विंटल के MSP के बेहद करीब है। वहीं, देसी कपास की कीमतों में भी भारी उछाल देखने को मिला है। यह किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, जिन्होंने पहले कम दाम पर अपनी फसल बेचने की मजबूरी महसूस की थी। मान सरकार की पहल से वे अब अपनी मेहनत का सही मूल्य पा रहे हैं।
इस साल पंजाब के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ आने के बावजूद, कपास की आवक पिछले साल के मुकाबले 1 लाख क्विंटल से ज़्यादा रही है। यह दिखाता है कि मान सरकार की नीतियों पर किसान अब भी कपास की खेती में भरोसा बनाए हुए हैं।राज्य सरकार की प्रो-एक्टिव सोच का ही नतीजा है कि मंडी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल इसी अवधि में CCI ने जहाँ केवल 170 क्विंटल कपास खरीदी थी, वहीं इस बार सरकार के दबाव के बाद CCI ने 35,348 क्विंटल से ज़्यादा कपास की खरीद सुनिश्चित की है। इस बड़े पैमाने की खरीद ने बाजार में सकारात्मक माहौल बनाया और कीमतों को नीचे गिरने से रोका।
मान सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि पंजाब के किसानों को उनकी फसल के लिए MSP से कम कीमत पर बिक्री का संकट न झेलना पड़े। 1 दिसंबर तक खरीदी गई 2,30,423 क्विंटल कपास में से, शुरुआत में 60% से अधिक फसल MSP से नीचे बेची गई थी, लेकिन CCI के प्रवेश के बाद यह ट्रेंड पूरी तरह बदल गया है।
किसानों का मुनाफा सुरक्षित करना और उन्हें आर्थिक मज़बूती देना ही मान सरकार का मुख्य लक्ष्य है। यह पहल स्पष्ट रूप से दिखाती है कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए संकट के समय में भी तुरंत और प्रभावी कदम उठाने को तैयार है।मान सरकार किसानों के सम्मान और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है!