कोलकाता, 4 दिसंबर || भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा 4 नवंबर से शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत गणना प्रपत्रों के डिजिटलीकरण के दौरान उपलब्ध नवीनतम रुझानों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची से हटाए जाने वाले लगभग 50 लाख नामों की पहचान की गई है।
मंगलवार शाम तक पूरे हुए डिजिटलीकरण के रुझान के अनुसार, यह आँकड़ा 46 लाख से थोड़ा अधिक था, और बुधवार रात तक यह लगभग 50 लाख तक पहुँच गया। इसका मतलब है कि 24 घंटे के भीतर मतदाता सूची से हटाए जाने योग्य नामों की सूची में कुल लगभग चार लाख नाम शामिल किए गए हैं।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के अंदरूनी सूत्रों ने बताया है कि बुधवार रात तक जिन 50 लाख नामों को सूची से बाहर किए जाने योग्य पाया गया, उनमें से 23 लाख से ज़्यादा नाम "मृत मतदाता" श्रेणी में हैं, इसके बाद 18 लाख से ज़्यादा नाम "स्थानांतरित" मतदाताओं की श्रेणी में हैं।
"पता न लगने वाले" मतदाताओं की संख्या सात लाख से ज़्यादा है, जबकि बाकी "डुप्लिकेट" मतदाता हैं और अन्य कारणों से हटाए जाने के लिए चिह्नित मतदाता हैं।