नई दिल्ली, 28 नवंबर || अर्थशास्त्री और उद्योग जगत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा शुक्रवार को जारी होने वाले दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, वहीं रिपोर्टों में कहा गया है कि अमेरिकी टैरिफ और समग्र रूप से कमजोर वैश्विक संकेतों के बावजूद, अर्थव्यवस्था जुलाई-सितंबर की अवधि के लिए 7 प्रतिशत के अनुमान से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
अप्रैल-जून तिमाही (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) में, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पाँच तिमाहियों के उच्चतम स्तर 7.8 प्रतिशत पर रही, और विशेषज्ञों को भारतीय अर्थव्यवस्था के एक और शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है।
भारत का व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण सतर्क आशावाद पर आधारित बना हुआ है, जो मजबूत घरेलू मांग और कम होते मुद्रास्फीति के दबावों पर आधारित है।
एसबीआई की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत निवेश गतिविधियों, ग्रामीण खपत में सुधार और सेवाओं एवं विनिर्माण में तेजी से विकास को समर्थन मिल रहा है।
जीएसटी 2.0 सुधारों से निजी खपत और घरेलू मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।