नई दिल्ली, 27 नवंबर || गुरुवार को जारी वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार, विभिन्न उच्च आवृत्ति संकेतक दर्शाते हैं कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के बाद भारत की आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आई है।
सितंबर और अक्टूबर 2025 के दौरान ई-वे बिल निर्माण में साल-दर-साल आधार पर 14.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। साथ ही, अप्रैल-अक्टूबर 2025 के लिए 9 प्रतिशत की संचयी जीएसटी संग्रह वृद्धि दर्शाती है कि अंतर्निहित राजस्व धारा मज़बूत बनी हुई है, जिसे मज़बूत उपभोग और बेहतर अनुपालन से सहायता मिली है।
उत्पादन अर्थव्यवस्था में भी गति स्पष्ट दिखाई दी। अक्टूबर में, विनिर्माण क्षेत्र में सुधार जारी रहा, विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) सितंबर के 57.5 से बढ़कर 59.2 हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि जीएसटी राहत, उत्पादकता वृद्धि और प्रौद्योगिकी में निवेश के कारण हुई।
इसके अतिरिक्त, सेवा गतिविधि मजबूत रही, अक्टूबर 2025 में सेवाओं के लिए पीएमआई 58.9 पर रहा, जो 50 अंक से काफी ऊपर है जो विस्तार को संकुचन से अलग करता है।