नई दिल्ली, 26 नवंबर || एक नई रिपोर्ट के अनुसार, एमएसएमई को विलंबित भुगतान की मात्रा 2022 में 10.7 लाख करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2024 तक 7.34 लाख करोड़ रुपये रह गई है, जो नीतिगत उपायों के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।
यह रिपोर्ट भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को विलंबित भुगतान के महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक व्यापक अपडेट प्रदान करती है, जिसमें मार्च 2024 तक विलंबित प्राप्तियों में बंद राशि 7.34 लाख करोड़ रुपये (मुद्रास्फीति-समायोजित) आंकी गई है, जो 2023 में 8.27 लाख करोड़ रुपये और 2022 में 10.7 लाख करोड़ रुपये के अधिकतम अनुमान से कम है।
ग्लोबल अलायंस फॉर मास एंटरप्रेन्योरशिप (GAME) और फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो एंड स्मॉल एंड मध्यम उद्यम (एफआईएसएमई) और सी2एफओ इंडिया को मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन और एमएसएमई मंत्रालय के संयुक्त सचिव अतीश कुमार सिंह की उपस्थिति में लॉन्च किया गया।