नई दिल्ली, 17 दिसंबर || डायबिटीज के कारण बढ़ती आंखों की रोशनी जाने की घटनाओं को रोकने के लिए, भारत ने डायबिटिक रेटिनोपैथी (DR) के लिए पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित कम्युनिटी स्क्रीनिंग प्रोग्राम शुरू किया है।
यह पहल आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज (AFMS) ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंटर फॉर ऑप्थेल्मिक साइंसेज (RPC), AIIMS और स्वास्थ्य मंत्रालय की ईहेल्थ AI यूनिट के सहयोग से शुरू की है।
रक्षा मंत्रालय (MoD) ने कहा कि यह "डायबिटिक आंखों की बीमारी का जल्दी पता लगाने और एक रियल-टाइम नेशनल हेल्थ इंटेलिजेंस फ्रेमवर्क बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है"।
प्रशिक्षित मेडिकल अधिकारी, नर्सिंग स्टाफ और हेल्थकेयर असिस्टेंट RPC द्वारा विकसित वेब-आधारित AI टूल मधुनेत्रAI का उपयोग करके स्क्रीनिंग करेंगे।
यह प्लेटफॉर्म हैंडहेल्ड फंडस कैमरों का उपयोग करके कैप्चर की गई रेटिना की इमेज की ऑटोमेटेड स्क्रीनिंग, ग्रेडिंग और ट्रायजिंग की सुविधा देता है।
यह सिस्टम बीमारी के प्रसार और भौगोलिक वितरण पर रियल-टाइम डेटा भी जेनरेट करता है, जो सबूत-आधारित योजना और नीति बनाने में मदद करता है।