कोलकाता, 12 दिसंबर || पश्चिम बंगाल में तीन चरणों वाले स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का गिनती का चरण पूरा होने के बाद, प्रोजेनी-मैपिंग के ज़रिए पहचाने गए मौजूदा वोटरों की बहुत ज़्यादा संख्या ने इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया (ECI) को शक में डाल दिया है।
चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर (CEO) के ऑफिस से मिले आंकड़ों के अनुसार, बूथ-लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा वोटरों से इकट्ठा किए गए सही तरह से भरे हुए गिनती के फॉर्म के डिजिटाइज़ेशन के ट्रेंड के हिसाब से, प्रोजेनी-मैपिंग के ज़रिए पहचाने गए मौजूदा वोटरों की कुल संख्या 3,84,85,166 है।
दूसरी ओर, इसी डिजिटाइज़ेशन ट्रेंड के अनुसार, सेल्फ-मैपिंग के ज़रिए पहचाने गए मौजूदा वोटरों की संख्या काफी कम यानी 2,94,52,893 है।
सेल्फ-मैपिंग वोटर वे हैं जिनके नाम 27 अक्टूबर, 2025 की मौजूदा वोटर लिस्ट के साथ-साथ 2002 की वोटर लिस्ट में भी हैं, जब पश्चिम बंगाल में आखिरी बार SIR किया गया था।
दूसरी ओर, प्रोजेनी-मैपिंग वोटर वे हैं जिनके नाम 2002 की वोटर लिस्ट में नहीं हैं, लेकिन उनके माता-पिता के नाम हैं।