नई दिल्ली, 11 दिसंबर || गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कर्मचारी चिकित्सा योजना की लागत में 2026 में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 2025 के लिए अनुमानित 13 प्रतिशत से कम है।
वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म Aon की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दो वर्षों की तीव्र वृद्धि के बाद यह कमी स्थिरता का संकेत देती है। यह एशिया प्रशांत क्षेत्र में व्यापक रुझान के अनुरूप भी है, जहां औसत चिकित्सा योजना की लागत 11.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
चिकित्सा योजना की लागत प्रति कर्मचारी (बीमाकृत और स्व-बीमाकृत दोनों) चिकित्सा योजना की लागत में वार्षिक प्रतिशत वृद्धि को दर्शाती है। ये आंकड़े संगठनों को तेजी से बदलते स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने बजट को तैयार करने और अपनी लाभ रणनीतियों को अनुकूलित करने में मदद करते हैं।
देश की चिकित्सा योजना की लागत वैश्विक औसत 9.8 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है, लेकिन उपयोग में कमी के कारण वृद्धि की गति धीमी हो रही है।
गौरतलब है कि रिपोर्ट में दिखाया गया है कि हृदय रोग, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं और कैंसर चिकित्सा लागत के प्रमुख चालक बने रहेंगे, जबकि उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और खराब पोषण प्रमुख जोखिम कारक होंगे।