तिरुवनंतपुरम, 25 नवंबर || केरल में स्थानीय निकाय चुनाव होने में अब सिर्फ़ दो हफ़्ते बचे हैं, ऐसे में प्रमुख राजनीतिक मोर्चों ने अपने अभियान तेज़ कर दिए हैं, जबकि बागी उम्मीदवार एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रहे हैं।
केरल में दो चरणों में मतदान होगा: पहला चरण 9 दिसंबर को और दूसरा चरण दो दिन बाद, जिसके नतीजे 13 दिसंबर को आएंगे।
ज़मीनी स्तर पर उत्साह बढ़ रहा है, वहीं पार्टियाँ आंतरिक असंतोष से जूझ रही हैं, ख़ासकर तिरुवनंतपुरम और एर्नाकुलम ज़िलों में, जहाँ बागियों की उपस्थिति सबसे ज़्यादा है।
सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) अपनी विकास परियोजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा कर रहा है, उसे पूरा विश्वास है कि सबरीमाला सोना चोरी विवाद को लेकर विपक्ष द्वारा भड़काए जाने के बावजूद, ये योजनाएँ मतदाताओं को प्रभावित करेंगी।
संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) सत्ता विरोधी लहर और भ्रष्टाचार के आरोपों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ख़ासकर शहरी इलाकों में सफलता हासिल करने की कोशिश कर रही है।