चंडीगढ़, 20 नवम्बर
पंजाबी साहित्य सभा, डी.ए.वी. कॉलेज, सेक्टर-10, चंडीगढ़ द्वारा श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ को समर्पित एक विशेष व्याख्यान आज 20 नवम्बर 2025 को प्रातः 11:00 बजे कॉन्फ़्रेंस हॉल में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम के लिए डॉ. अमृत पाल सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, इतिहास विभाग, एस.जी.जी.एस. कॉलेज, चंडीगढ़ को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी की शहादत को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में रखते हुए 17वीं सदी की धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किस प्रकार मुगल शासन के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता पर हो रहे प्रहारों, कश्मीरी पंडितों की पुकार और मानवाधिकारों के दमन ने गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी की शहादत को विश्व-स्तरीय प्रतीक बना दिया—एक ऐसी अमूल्य कुर्बानी जो मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए दी गई थी।
इस अवसर पर प्रिंसिपल डॉ. मोना नरंग, डॉ. मनदीप कुमार (प्रमुख, पंजाबी विभाग), डॉ. राजिंदर सिंह, डॉ. हरजीत सिंह तथा अन्य फैकल्टी सदस्य भी उपस्थित रहे।
विद्यार्थियों और अध्यापकों ने बड़े ध्यान और रुचि से व्याख्यान सुना तथा मुख्य वक्ता की गहरी ऐतिहासिक समझ और तार्किक विश्लेषण की सराहना की।