नई दिल्ली, 17 नवंबर || भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और पंजाब विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक पोर्टेबल, स्वचालित ऑप्टिकल उपकरण विकसित किया है जो पानी, भोजन और पर्यावरण में कीटनाशक अवशेषों की अत्यंत कम सांद्रता का पता लगाने में सक्षम है, जो मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।
ऐसे अवशेषों का पता लगाने के लिए पारंपरिक प्रयोगशाला विधियाँ, विशेष रूप से आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला ऑर्गनोफॉस्फेट मैलाथियान, महंगी और समय लेने वाली हैं और इसके लिए कुशल कर्मियों की आवश्यकता होती है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा अपने 'प्रौद्योगिकी विकास और हस्तांतरण' कार्यक्रम के तहत समर्थित इस नए शोध ने एक क्षेत्र-आधारित, उपयोगकर्ता-अनुकूल उपकरण डिज़ाइन करके इस चुनौती का समाधान किया है जो वास्तविक समय में, अति-संवेदनशील कीटनाशक का पता लगाने की सुविधा प्रदान करता है।
नया 'स्मार्ट एमडीडी (मैलाथियान डिटेक्शन डिवाइस)' एक रंगमिति पहचान प्रणाली है जो सोने के नैनोकणों (एयूएनपी) का उपयोग करती है और मैलाथियान को विशेष रूप से पहचानने के लिए डिज़ाइन किए गए एप्टामर अणु के साथ आती है।