मुंबई, 8 नवंबर || हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म 'जटाधारा' में नज़र आ रहीं अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने अखिल भारतीय फिल्मों में कलाकारों और तकनीशियनों के क्रॉस-परागण पर अपनी राय साझा की है।
पूरा अखिल भारतीय फिल्म आंदोलन रजनीकांत और कमल हासन की फिल्मों के सैटेलाइट प्रसारण के साथ बहुत पहले शुरू हुआ था। 'बाहुबली' फ्रैंचाइज़ी के बाद इसे प्रमुखता मिली।
जब उनसे पूछा गया कि क्या अखिल भारतीय फिल्में एक कलाकार के लिए दबाव बढ़ाती हैं, क्योंकि उन्हें अपने निर्धारित दर्शकों के अलावा एक नए दर्शक वर्ग को भी आकर्षित करना होता है, तो उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया।
एक अभिनेत्री के रूप में उनके लिए यह कैसा रहा?
उन्होंने बताया, "मुझे लगता है, जितने ज़्यादा लोग होंगे, उतना ही अच्छा होगा। हम इतने शानदार कलाकारों के साथ काम करते हैं और हर एक से बहुत कुछ सीखते हैं। हर किसी की अपनी कहानी होती है, और मेरे लिए, अलग-अलग क्षेत्रों, अलग-अलग भाषाओं, अलग-अलग उद्योगों, संस्कृतियों और समुदायों के लोगों के साथ काम करने का सबसे अच्छा पहलू यही है।"