नई दिल्ली, 30 अक्टूबर || राष्ट्रीय राजधानी की लगातार खराब वायु गुणवत्ता और शहर में छाई घनी धुंध न केवल फेफड़ों के लिए बल्कि आँखों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है, यह बात गुरुवार को नेत्र रोग विशेषज्ञों ने कही। साथ ही, आँखों से संबंधित समस्याओं में 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
धुंध की घनी चादर और खतरनाक रूप से उच्च प्रदूषण के कारण आँखों में एलर्जी, सूखापन, जलन और अत्यधिक पानी आने की समस्याओं में वृद्धि हुई है, जो वयस्कों और बच्चों दोनों को प्रभावित कर रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि पटाखे जलाने के दौरान निकलने वाला धुआँ, कण और रासायनिक अवशेषों का जहरीला मिश्रण न केवल फेफड़ों के लिए, बल्कि आँखों के लिए भी हानिकारक है।
एम्स में नेत्र विज्ञान के प्रोफेसर सुदर्शन खोखर ने बताया, "यदि आपका कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो आपको अपनी दृष्टि वापस पाने के लिए कॉर्निया प्रत्यारोपण की आवश्यकता होगी। हालांकि, यदि प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहा, तो एक समय ऐसा आएगा जब कोई कॉर्निया प्रत्यारोपण प्रभावी नहीं होगा, क्योंकि प्रदूषण के कारण कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो रहा है।" उन्होंने कहा कि बुजुर्ग लोग अधिक संवेदनशील होते हैं, क्योंकि उनमें कॉर्निया पहले से ही कमजोर होता है।