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भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक ब्रिटेन के बाज़ार में बड़ा हिस्सा हासिल करने और वैश्विक स्तर पर कदम रखने के लिए तैयार: सरकार

नई दिल्ली, 26 जुलाई || सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत की विशाल उत्पादन क्षमता, कुशल मानवशक्ति और बेहतर ट्रेसेबिलिटी प्रणालियों के साथ, भारत-ब्रिटिश व्यापार समझौता घरेलू निर्यातकों को ब्रिटेन के बाज़ार में बड़ा हिस्सा हासिल करने और अमेरिका व चीन जैसे पारंपरिक साझेदारों से आगे बढ़कर विविधता लाने में सक्षम बनाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर की उपस्थिति में हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि यह न केवल एक प्रीमियम बाज़ार तक शुल्क-मुक्त पहुँच प्रदान करता है, बल्कि तटीय आजीविका को बढ़ावा देता है, उद्योग के राजस्व को बढ़ाता है और उच्च-गुणवत्ता वाले, टिकाऊ समुद्री खाद्य के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को मज़बूत करता है।

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "मछुआरों, प्रसंस्करणकर्ताओं और निर्यातकों, सभी के लिए यह एक बड़े वैश्विक मंच पर कदम रखने का एक अनूठा अवसर है। यह समझौता सतत समुद्री व्यापार में वैश्विक अग्रणी बनने के भारत के व्यापक लक्ष्य में सार्थक योगदान देता है।"

भारतीय समुद्री खाद्य अब वियतनाम और सिंगापुर जैसे देशों के बराबर प्रतिस्पर्धा कर रहा है, जो पहले से ही क्रमशः यूके के साथ एफटीए (यूके-वीएफटीए) और यूके-सिंगापुर मुक्त व्यापार समझौते (यूके-एसएफटीए) से लाभान्वित हैं।

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