नई दिल्ली, 14 मई || राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में पद की शपथ दिलाई।
52वें सीजेआई न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल 6 महीने से अधिक का होगा और वे 23 नवंबर, 2025 को पद से मुक्त होंगे।
29 अप्रैल को केंद्र ने देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर न्यायमूर्ति गवई की नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना ने पिछले महीने उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में अनुशंसित किया था।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, "भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को 14 मई, 2025 से भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करते हैं।"
न्यायमूर्ति गवई को 24 मई, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। पिछले छह वर्षों में, वे संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, सिविल कानून, आपराधिक कानून, वाणिज्यिक विवाद, मध्यस्थता कानून, बिजली कानून, शिक्षा मामले और पर्यावरण कानून सहित विभिन्न विषयों से संबंधित मामलों से निपटने वाली लगभग 700 पीठों का हिस्सा रहे हैं।
उन्होंने कानून के शासन को बनाए रखने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों, मानवाधिकारों और कानूनी अधिकारों की रक्षा करने वाले विभिन्न मुद्दों पर संविधान पीठ सहित लगभग 300 निर्णय लिखे हैं।