नई दिल्ली, 11 दिसंबर || सरकार ने सूचित किया है कि माल ढुलाई 2020-21 में 1,233 मिलियन टन (MT) से बढ़कर 2024-25 में 1,617 मिलियन टन हो गई है, जिससे भारतीय रेलवे विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मालवाहक रेल नेटवर्क बन गया है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, माल ढुलाई दरों को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए, पिछले कुछ वर्षों में इनपुट लागत में वृद्धि के बावजूद, 2018 से इनमें कोई संशोधन नहीं किया गया है।
वैष्णव ने लोकसभा में प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा, “5 वर्षों से अधिक के अंतराल के बाद 1 जुलाई, 2025 से यात्री किरायों को युक्तिसंगत बनाया गया है। प्रीमियम श्रेणी के लिए किरायों में वृद्धि बहुत कम है, जो प्रति किलोमीटर आधा पैसा से लेकर दो पैसे तक है।”
किफायती यात्री किरायों के लिए प्रमुख उपायों में 500 किलोमीटर तक सामान्य श्रेणी के किराए में कोई वृद्धि नहीं और उसके बाद प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किराए में आधा पैसा की वृद्धि शामिल है। स्लीपर क्लास ऑर्डिनरी और फर्स्ट क्लास ऑर्डिनरी में प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किराए में आधा पैसा की वृद्धि; मेल एक्सप्रेस के नॉन-एसी क्लास में प्रति यात्री प्रति किलोमीटर 1 पैसा की वृद्धि; और आरक्षित एसी क्लास में प्रति यात्री प्रति किलोमीटर 2 पैसा की वृद्धि।
मंत्री ने बताया कि निम्न और मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए किराया वहनीय बनाए रखने के लिए, एमएसटी (मासिक सीजन टिकट) और उपनगरीय यात्रा के किराए में कोई संशोधन नहीं किया गया है।