मुंबई, 5 दिसंबर || भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 2025-26 के लिए अपने जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया। यह वृद्धि कृषि क्षेत्र की मज़बूत संभावनाओं, जीएसटी दरों में लगातार हो रही कटौती, कम मुद्रास्फीति और कॉर्पोरेट्स व बैंकों की मज़बूत बैलेंस शीट के कारण बेहतर परिदृश्य के मद्देनज़र की गई है।
मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 8.2 प्रतिशत हो गई और मुद्रास्फीति में 1.7 प्रतिशत की तीव्र गिरावट ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक दुर्लभ "गोल्डीलॉक्स काल" प्रदान किया है।
मल्होत्रा ने बताया, "भविष्य में, कृषि क्षेत्र की अच्छी संभावनाएँ, जीएसटी युक्तिकरण का निरंतर प्रभाव, नरम मुद्रास्फीति, कॉर्पोरेट और वित्तीय संस्थानों की मज़बूत बैलेंस शीट और अनुकूल मौद्रिक एवं वित्तीय स्थितियाँ जैसे घरेलू कारक आर्थिक गतिविधियों को आगे भी सहारा देते रहेंगे। निरंतर सुधार पहलों से विकास को और बढ़ावा मिलेगा।"