नई दिल्ली, 5 नवंबर || भारतीय उप-कप्तान स्मृति मंधाना ने अपना पहला विश्व कप ट्रॉफी जीतने और अपने करियर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने के बाद अपनी भावनाओं का इज़हार किया। उन्होंने कहा कि मैच हारने से वह भावुक नहीं हुईं, बल्कि उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिली, क्योंकि उन्हें पता था कि एक बड़ी जीत ही वह पल होगा जब वह भावुक होंगी, जैसा कि विश्व कप जीतने के बाद हुआ था।
भारतीय सलामी बल्लेबाज़ ने यह भी बताया कि कैसे बड़े टूर्नामेंट जीतने के करीब पहुँचकर भी नॉकआउट में हार का सामना करने के बाद टीम के छूटे हुए मौकों ने उनके दिल पर गहरी छाप छोड़ी, लेकिन साथ ही उन्हें और टीम को कड़ी मेहनत करने और 'चैंपियंस' का तमगा अपने नाम करने के लिए प्रेरित किया।
"मैं एक दशक से ज़्यादा समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा हूँ। 2017 और फिर 2020 में थोड़ा दिल टूटा, और फिर कई सेमीफ़ाइनल में भी दिल टूटा, जहाँ हमें लगा कि हम जीत सकते हैं। हर बार ऐसा हुआ, इसने आपके दिल पर बहुत गहरा असर छोड़ा। बस बेहतर होने और 'चैंपियंस' का तमगा लगाने की प्रेरणा है, लेकिन सच में, टीम पर बहुत खुश और गर्व है।"