चंडीगढ़, 16 सितंबर || हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजनाओं के माध्यम से 1.06 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए हैं, जिससे लाखों नागरिकों को समय पर, पारदर्शी और कुशल वितरण सुनिश्चित करके कल्याणकारी वितरण में क्रांति आई है।
यह उपलब्धि फर्जी लाभार्थियों और दोहराव में उल्लेखनीय कमी के साथ, लीकेज को रोकने और जवाबदेही बढ़ाने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
उन्होंने यह जानकारी यहाँ डीबीटी पर सलाहकार बोर्ड की चौथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए साझा की।
मुख्य सचिव ने नोडल अधिकारियों को राज्य डीबीटी पोर्टल पर लाभार्थियों के डेटा को नियमित रूप से अपडेट करने और परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) और आधार विवरण का निर्बाध एकीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ताकि सेवा वितरण में दक्षता, सटीकता और पारदर्शिता बढ़ाई जा सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि हरियाणा की डीबीटी सफलता का मूल सरकारी प्रणालियों के भीतर दक्षता और जवाबदेही की खोज में निहित है। इस रणनीतिक दृष्टिकोण से न केवल पात्र नागरिकों को लाभ का हस्तांतरण तेजी से हुआ है, बल्कि लीकेज और दोहरे भुगतान की ऐतिहासिक समस्या पर भी काफी हद तक अंकुश लगा है।