नई दिल्ली, 15 सितंबर || सरकार ने सोमवार को कहा कि खाद्य प्रसंस्करण और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में जीएसटी सुधार उपभोक्ताओं के लिए सामर्थ्य, उद्योग जगत के लिए पूर्वानुमान और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करेंगे।
आवश्यक खाद्य पदार्थों, पैकेजिंग सामग्री और परिवहन वाहनों पर कर दरों में कमी करके, सरकार ने न केवल कराधान को सरल बनाया है, बल्कि खाद्य प्रसंस्करण, लॉजिस्टिक्स और संबद्ध उद्योगों में सतत विकास की एक मजबूत नींव भी रखी है।
अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (यूएचटी) दूध, पनीर/छेना, पराठा/परोटा जैसी ब्रेड, खाखरा, चपाती/रोटी और पिज्जा ब्रेड जैसी खाद्य वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है। पैकेज्ड फूड/स्नैक्स, चॉकलेट, सॉस, जूस, कॉफी आदि पर अप्रत्यक्ष करों को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे मांग और उद्योग की वृद्धि को बढ़ावा मिला है।
क्रेट और कागज जैसी पैकेजिंग सामग्री पर अब 5 प्रतिशत कर लगाया गया है, जिससे लॉजिस्टिक्स और उत्पादन लागत कम हुई है। सरकार ने कहा है कि ट्रकों और मालवाहक वाहनों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे माल ढुलाई की दरें कम होंगी और आपूर्ति श्रृंखलाएँ मज़बूत होंगी।
सरकार ने अधिकांश खाद्य वस्तुओं को 5 प्रतिशत या शून्य कर स्लैब के अंतर्गत लाकर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में कराधान को सरल बनाने का लक्ष्य रखा है।