नई दिल्ली, 15 अगस्त || वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक सरलीकृत, द्वि-स्तरीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली का प्रस्ताव रखा जिसमें एक "मानक" और "योग्यता" स्लैब के साथ-साथ चुनिंदा वस्तुओं के लिए विशेष दरें भी शामिल होंगी।
यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए गए अपने संबोधन के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधारों का अनावरण दिवाली तक किया जाएगा, जिससे आम आदमी को "पर्याप्त" कर राहत मिलेगी और छोटे व्यवसायों को लाभ होगा।
सरकार ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और सुधारों पर अपना प्रस्ताव जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) को इस मुद्दे की जाँच के लिए भेज दिया है।
अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए पहचाने गए प्रमुख क्षेत्रों में समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से आम आदमी, महिलाओं, छात्रों, मध्यम वर्ग और किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए कर दरों को युक्तिसंगत बनाना शामिल है।
इन प्रस्तावों में आम आदमी की वस्तुओं और महत्वाकांक्षी वस्तुओं पर करों में कमी शामिल है। इससे सामर्थ्य बढ़ेगा, उपभोग को बढ़ावा मिलेगा, तथा आवश्यक एवं आकांक्षी वस्तुएं व्यापक जनसंख्या के लिए अधिक सुलभ हो जाएंगी।