नई दिल्ली, 2 अगस्त || एक चौंकाने वाले अध्ययन के अनुसार, पाँच साल से कम उम्र के गंभीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों में रोगाणुरोधी प्रतिरोधी बैक्टीरिया विकसित होने का ख़तरा हो सकता है।
विश्व स्तर पर, पाँच साल से कम उम्र के 4.5 करोड़ बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित होने का अनुमान है। इन बच्चों में अपनी कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण तपेदिक या सेप्सिस जैसे जानलेवा संक्रमण विकसित होने का ख़तरा भी ज़्यादा होता है।
इनियोस ऑक्सफ़ोर्ड इंस्टीट्यूट फॉर एंटीमाइक्रोबियल रिसर्च (IOI) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए नए अध्ययन में पाया गया है कि नाइजर के एक अस्पताल में गंभीर कुपोषण का इलाज करा रहे बच्चों में रोगाणुरोधी प्रतिरोधी बैक्टीरिया तेज़ी से फैल रहे हैं।
नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला है कि 76 प्रतिशत बच्चों में विस्तारित-स्पेक्ट्रम बीटा-लैक्टामेज़ (ESBL) जीन वाले बैक्टीरिया होते हैं, जो कई सामान्य रूप से इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक दवाओं को नष्ट कर सकते हैं।
चार में से एक बच्चे (25 प्रतिशत) में कार्बापेनेमेज जीन जैसे blaNDM वाले बैक्टीरिया पाए गए, जो कुछ सबसे शक्तिशाली और अंतिम पंक्ति के एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोध प्रदान करते हैं।