नई दिल्ली, 2 अगस्त || केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में अंतरिक्ष उद्योग को निजी क्षेत्र के लिए खोलने की सफलता का हवाला देते हुए बताया कि इस साल मार्च तक भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को 43 करोड़ डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ है।
राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, सिंह ने बताया कि निजी क्षेत्र के उद्योग अंतरिक्ष क्षेत्र में कैसे भाग ले रहे हैं।
सिंह ने कहा, "सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों को लागू किया है और निजी क्षेत्र को न केवल वाणिज्यिक बल्कि वैज्ञानिक विकास गतिविधियों को भी अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "मार्च 2025 तक, कुल मिलाकर, भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप्स में कुल 43 करोड़ डॉलर का निवेश हो चुका है।"
अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी संस्थाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने जून 2020 में भारत में अंतरिक्ष विभाग (DoS) के तहत एक स्वायत्त एजेंसी के रूप में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) की स्थापना की थी।
सिंह ने बताया कि IN-SPACe ने अब तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित 93 प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण में सहायता प्रदान की है।
सिंह ने कहा, "IN-SPACe डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के अनुसार, 400 से अधिक NGE ने विभिन्न सहायक गतिविधियों के लिए 650 से अधिक प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं, जिनमें सुविधा, मार्गदर्शन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, प्राधिकरण आदि शामिल हैं।"