पटना, 5 जून || बिहार की सरकारी भर्ती प्रक्रिया में अधिवास नीति लागू करने की मांग को लेकर सैकड़ों छात्रों ने गुरुवार को राज्य की राजधानी में प्रदर्शन किया।
छात्रों का आरोप है कि बिहार झारखंड, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों से पीछे है, जहां पहले से ही ऐसी नीतियां लागू हैं, जिससे सरकारी नौकरियों में स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता मिलती है।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि बिहार में ऐसी नीति न होने से बेरोजगारी बढ़ रही है और राज्य से युवाओं का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है।
बड़ी संख्या में छात्र समूह सुबह-सुबह एकत्र हुए और नारे लगाते हुए और सड़कें जाम करते हुए मध्य पटना में मार्च किया।
पुलिस द्वारा छात्रों को सीएम आवास के पास प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोकने के प्रयास के दौरान छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हल्की झड़प हुई।
संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई और बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए। हालांकि, छात्र नेताओं ने जोर देकर कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण है, हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो आंदोलन तेज हो जाएगा और पूरे राज्य में फैल जाएगा।
प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में नियुक्ति नीति के तत्काल क्रियान्वयन, स्थानीय निवास प्रमाण पत्र रखने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने तथा बेरोजगारी पर अंकुश लगाने और पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।