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उच्च स्तरीय उद्योग शिखर सम्मेलन में भारत की वायु, मिसाइल रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया

नई दिल्ली, 8 मई || एयरोस्पेस सर्विसेज इंडिया (एएसआई) और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) के सहयोग से संयुक्त युद्ध अध्ययन केंद्र ने यहां मानेकशॉ सेंटर में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल इंडिया इको-सिस्टम शिखर सम्मेलन 2.0 की मेजबानी की, जिसका उद्देश्य भारत की वायु और मिसाइल रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना है, गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार।

उद्घाटन सत्र में भारतीय और इज़राइली रक्षा क्षेत्रों के बीच बढ़ते तालमेल पर ध्यान केंद्रित किया गया।

दिन भर चले शिखर सम्मेलन में भारत के रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया, जिसमें 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक-इन-इंडिया' पहल के तहत भारत की वायु और मिसाइल रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में सहयोगी उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया।

शिखर सम्मेलन में एएसआई-आईएआई की पूर्ण स्वामित्व वाली भारतीय सहायक कंपनी की उपलब्धियों पर जोर दिया गया, जो मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) प्रणाली और इससे जुड़ी उप-प्रणालियों जैसे बराक 8 मिसाइल और वायु रक्षा अग्नि नियंत्रण रडार के लिए तकनीकी प्रतिनिधित्व, जीवन-चक्र समर्थन और स्थानीय विनिर्माण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इसमें निरंतर सहयोग, क्षमता विकास और स्थानीय नवाचार के माध्यम से एक लचीला और भविष्य के लिए तैयार वायु रक्षा बुनियादी ढांचे की स्थापना के महत्व को रेखांकित किया गया।

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