नई दिल्ली, 3 दिसंबर || बुधवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की तेज़ी से बढ़ती आय ने पिछले डेढ़ दशक में घर खरीदना कहीं ज़्यादा किफ़ायती बना दिया है। देश का मूल्य-आय अनुपात 2010 के 88.5 से तेज़ी से गिरकर 2025 में 45.3 हो गया है।
कोलियर्स इंडिया द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि औसत आय का स्तर चार गुना से ज़्यादा बढ़ गया है - लगभग 10 प्रतिशत सालाना की दर से - लेकिन आवास की कीमतें 5-7 प्रतिशत सालाना की बहुत धीमी गति से बढ़ी हैं।
इस बढ़ते अंतर ने भारतीय परिवारों की प्रमुख शहरों में घर खरीदने की क्षमता में काफ़ी सुधार किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सुधार नीतिगत बदलावों, आर्थिक झटकों और नए नियमों के कारण आवासीय क्षेत्र में आए कई उतार-चढ़ावों के बावजूद हुआ है।
पिछले दो दशकों में, बाजार ने पीएमएवाई, विमुद्रीकरण, आरईआरए, एनबीएफसी संकट, एसडब्ल्यूएएमआईएच वित्तपोषण सहायता और जीएसटी कार्यान्वयन जैसे प्रमुख घटनाक्रमों का सामना किया है।