नई दिल्ली, 31 जुलाई || उद्योग जगत के दिग्गजों ने गुरुवार को कहा कि भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के अमेरिका के फैसले को न केवल एक चुनौती के रूप में देखा जाना चाहिए, बल्कि देश के लिए एक बड़े अवसर के रूप में भी देखा जाना चाहिए।
इस घटनाक्रम पर बोलते हुए, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के सीईओ और महासचिव रंजीत मेहता ने कहा कि यह बढ़ा हुआ शुल्क केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि चीन, वियतनाम और बांग्लादेश जैसे अन्य प्रमुख निर्यातक देशों को भी लक्षित करता है, जबकि चीन और वियतनाम पर टैरिफ और भी ज़्यादा हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी व्यापार नीति में बदलाव कर रहा है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बदलाव आ रहा है।
मेहता ने स्वीकार किया कि टैरिफ के कारण भारतीय एमएसएमई और उद्योगों को अल्पकालिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन लंबे समय में, यह भारत को एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद कर सकता है।
उन्होंने कहा, "कई वैश्विक निर्माता अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना चाहते हैं ताकि वे किसी एक क्षेत्र पर अत्यधिक निर्भरता से मुक्त हो सकें, और भारत सबसे विश्वसनीय विकल्प के रूप में उभर रहा है।"
उन्होंने आगे कहा कि कई कंपनियाँ अब भारत में अपनी आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के तरीके तलाश रही हैं।