बेंगलुरु, 2 जुलाई || कर्नाटक पुलिस ने नशे में गाड़ी चलाने के आरोप में पकड़े जाने के बाद अपनी महिला साथियों को ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए उकसाने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
बेंगलुरु में अशोकनगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों की पहचान वरुण, शरण और निरंजन के रूप में हुई है।
आरोपियों द्वारा पुलिस से बहस करने, अपनी आवाज उठाने, अधिकारियों की कार्रवाई पर सवाल उठाने और उनसे अपने मास्क हटाने के लिए कहने के वीडियो सामने आए हैं और सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। फुटेज में पुलिस आरोपियों को एक वाहन में धकेलते हुए और आसपास खड़े लोगों से यह पूछते हुए भी दिखाई दे रही है कि उन्होंने घटना के दौरान पुलिस की मदद क्यों नहीं की।
उन पर आईपीसी की धारा 132 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 351(1) और 351(2) (आपराधिक धमकी), 221 (सरकारी कर्मचारी के आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में जानबूझकर बाधा डालना), 352 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) और 3(5) (आपराधिक कृत्य में सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अशोकनगर ट्रैफिक पुलिस स्टेशन से जुड़े पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) रवि ने शिकायत दर्ज कराई है।
एफआईआर के अनुसार, यह घटना 29 जून और 30 जून की रात को बेंगलुरु के कैश फार्मेसी जंक्शन पर पीएसआई रवि और उनकी टीम द्वारा नशे में गाड़ी चलाने की जांच के दौरान हुई।