नई दिल्ली, 2 जुलाई || स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) द्वारा किए गए व्यापक अध्ययनों ने कोविड-19 टीकों और अचानक मौतों के बीच कोई संबंध नहीं पाया है।
कोविड महामारी के बाद देश भर से लोगों, खासकर युवाओं में दिल के दौरे से संबंधित मौत के कई मामले सामने आए और कोविड टीकाकरण के साथ एक संबंध का सुझाव दिया।
मंत्रालय ने कहा कि अचानक हृदय संबंधी मौतें कई तरह के कारकों के कारण हो सकती हैं, जिनमें आनुवंशिकी, जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियाँ और कोविड के बाद की जटिलताएँ शामिल हैं, लेकिन कोविड टीकों के सुरक्षित पाए जाने के कारण ऐसा नहीं हो सकता।
मंत्रालय ने कहा, "आईसीएमआर और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा किए गए अध्ययनों से पुष्टि होती है कि भारत में कोविड-19 टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं, जिनमें गंभीर दुष्प्रभावों के बहुत कम मामले सामने आए हैं।"
"देश में कई एजेंसियों के माध्यम से अचानक अस्पष्टीकृत मौतों के मामले की जांच की गई है"।
इसमें आईसीएमआर और एनसीडीसी शामिल हैं, जिन्होंने दो पूरक अध्ययनों में 18 से 45 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों की जांच की - एक पिछले आंकड़ों पर आधारित और दूसरा वास्तविक समय की जांच पर आधारित।