चंडीगढ़ , 12 नवंबर
डीएवी कॉलेज, सेक्टर–10, चंडीगढ़ ने एक बार फिर स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम अंकित करते हुए ए.एस. कॉलेज, खन्ना में आयोजित 66वें पंजाब विश्वविद्यालय इंटर-ज़ोनल यूथ फेस्टिवल में ओवरऑल प्रथम ट्रॉफी अपने नाम की। यह गौरवशाली उपलब्धि कला, संस्कृति और सृजनशीलता के क्षेत्र में कॉलेज की अजेय श्रेष्ठता का प्रमाण है। लगभग दो दशकों बाद चंडीगढ़ के किसी कॉलेज ने यह प्रतिष्ठित ओवरऑल ट्रॉफी जीती है, जो डीएवी कॉलेज के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है।
अतुलनीय कला कौशल और युवा ऊर्जा से परिपूर्ण, डीएवी कॉलेज के विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अनेक विधाओं में पुरस्कार जीतकर अपनी सांस्कृतिक श्रेष्ठता को पुनः सिद्ध किया। कॉलेज ने गुड़िया पतोले, रसा वटना, वन एक्ट प्ले, कोलाज मेकिंग, रंगोली, कली (व्यक्तिगत) और परकशन में प्रथम स्थान प्राप्त किया, वहीं ग्रुप भजन, गिद्धा, ग्रुप सॉन्ग और स्किट में द्वितीय स्थान और ग्रुप भजन (व्यक्तिगत), गिद्धा (व्यक्तिगत), खिड्डो, कली (टीम) और मिमिक्री में तृतीय स्थान हासिल किया। यह विजय डीएवी की सृजनात्मक प्रतिभा, टीम भावना और कला के प्रति उसके अटूट समर्पण का जीवंत उत्सव हैं।
राष्ट्रीय समन्वयक (कॉलेज), डीएवी कॉलेज मैनेजिंग कमेटी के डॉ. अनूप कुमार वत्स और डीएवी कॉलेज, अबोहर के प्राचार्य श्री आर. के. महाजन ने डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ की प्राचार्या डॉ. मोना नारंग के साथ मिलकर विद्यार्थियों और अध्यापकों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि “ऐसी जीतें केवल प्रतिस्पर्धा की विजय नहीं होतीं — ये अनुशासन, समर्पण और डीएवी की अजेय भावना की सच्ची जीत हैं।”
ये ऐतिहासिक सफलताएँ कॉलेज की प्राचार्या डॉ. मोना नारंग, डॉ. पूर्णिमा सहगल (डीन, सांस्कृतिक गतिविधियाँ) और प्रो. सुरिंदर कुमार (उप-डीन, सांस्कृतिक गतिविधियाँ) के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन का परिणाम हैं, जिनकी प्रेरणा ने वर्षों से अनगिनत प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को निखारा है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ, डीएवी कॉलेज, सेक्टर–10, चंडीगढ़ एक बार फिर गौरव के शिखर पर पहुँचा है — कला और युवा ऊर्जा का आलोक फैलाते हुए, अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को नए उत्साह, गर्व और उद्देश्य के साथ आगे बढ़ा रहा है।